

Delhi Court – दिल्ली में रहने वाली आरोपी महिला के साथ न्याय का ऐसा मजाक हुआ है। जिसमे उसे 9 साल बाद जमानत मिली और सरकारी अधिवक्ता इसका कोई माकूल जवाब नहीं दे पाए।
Delhi Court – दिल्ली की एक न्यायपालिका ने हाल ही में एक महिला को 9 साल से अधिक समय के लिए जेल में बंद एक महिला को इस आधार पर जमानत ( Bail ) दी | यह कि मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट न्यायपालिका केवल 7 साल की सजा का Order दे सकता है, और जिसे वह पहले ही जेल में सजा बिता चुकी है।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमानी मल्होत्रा ने इस वक्तवय पर टिप्पणी की :-
Delhi Court – यह एक “निश्चित रूप से आवेदक ने 7 साल से अधिक जेल में बिताया है जो कि आरोपी की अधिकतम सजा है जो उसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट न्यायपालिका (सीएमएम) द्वारा दी जा सकती है।
और यह कहने की जरूरत नहीं है कि उक्त महिला के कैद की समय अवधि ने न केवल न्याय का मजाक उड़ाया है बल्कि यह हमारी न्यायिक प्रणाली पर भी प्रश्नः खड़ा किया है।”
Delhi Court News – कोर्ट ने आगे भी कहा – कि भले ही आरोपी की चार्जशीट 30 जुलाई, 2014 को दाखिल की गई थी, सीएमएम आरोपी व्यक्ति या अन्य के खिलाफ इस प्रकार आरोप तय करने में विफल रहे। और COURT ने यह भी कहा – कि अभियोजन पक्ष ने जिस प्रकार 133 गवाहों का हवाला दिया है, और इस प्रकार के कार्य जिसमें इस धीमी की गति से पूरा जीवन लग जाएगा।
Delhi Court Judgement – कोर्ट ने आगे इस मामले पर बहुत कुछ कहा – कि क्यों इस प्रकार के कार्य पर अतिरिक्त लोक अभियोजक इस पर कोई भी वाजिब तर्क देने में विफल रहे हैं कि आखिर एक पीड़ित को राहत क्यों नहीं दी जानी चाहिए।
इस प्रकार के अजीबोगरीब मामले को देखते हुए ,उपरोक्त व लंबी समय अवधि कैद को देखते हुए न्यायलय ने उसे 1 लाख रुपए के जमानती मुचलके पर Bail दे दी।