
Lawyer and Advocate – अंग्रेजी का एक शब्द है, लॉयर। लॉयर, वह होता है जिसके पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है।
Contents
- 1 Lawyer and Advocate – अंग्रेजी का एक शब्द है, लॉयर। लॉयर, वह होता है जिसके पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है।
- 2 What is Lawyer
- 3 WHAT IS ADVOCATE
- 4 What is Barrister
- 5 अधिवक्ता अधिनियम – 1961
- 6 Lawyer and Advocate Problems faced by India before independence
- 7 महाधिवक्ता (Advocate general)
- 8 Lawyers And Advocate ड्रेस कोड का धार्मिक कनेक्शन ?
- 9 Lawyers के नेकबैंड का रोचक तथ्य
- 10 Indian Lawyers ड्रेस कोड Rules
Lawyers and Advocate – आपने कोर्ट मे वकीलों के ड्रेस कोड को देखा होगा और अदालत के आसपास या अदालतों के भीतर वकीलों को काला कोट और गले में टाई नुमा बैंड के साथ देखा होगा व वकीलों को गाउन भी पहने देखा होगा
और आपने यह जरूर सोचा होगा की वकील इस प्रकार के कपड़े क्यों पहनते है। ? और आपने वकीलों के बहुत सारे नाम भी सुने होंगे । आपको इस जानकारी की Knowledge नहीं हैं व वकीलों के बहुत प्रकार के नामों में क्या अंतर है और वकीलों की वेशभूषा के पीछे क्या कारण है?
भारतीय सविधान द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्से में एक निश्चित वेशभूषा हो सकती है। इसी प्रकार वकीलों की भी एक निश्चित वेशभूषा है और यह ड्रेस कोड वकीलों के लिए अनिवार्य भी है। इस ड्रेस कोड का वकीलों को लाभ भी प्राप्त होता हैं। न्यायिक अदालतों में वकील दूर से ही आम जनता के बीच पहचान लिए जाते हैं।
आपने कक्षा – 3 से कक्षा – 10 तक महात्मा गाँधी जी के विषय में लिखा व पढ़ा होगा। महात्मा गाँधी जी के माता – पिता ने Barrister की पढ़ाई के लिए इग्लैण्ड भेजा था। और महात्मा गाँधी जी इंग्लॅण्ड से भारत Barrister की डिग्री लेकर आए थे। महात्मा गाँधी जी के सभी मित्र गांधीजी को बैरिस्टर के नाम से बुलाया करते थे।
What is Lawyer
Lawyer and Advocate – अंग्रेजी का एक शब्द है, लॉयर। लॉयर, वह होता है जिसके पास लॉ (law) की डिग्री होती है, जो कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षित होता है और कानूनी मामलों पर सलाह और सहायता प्रदान करता है।
अर्थात विधि स्नातक, कानून का जानकार, जिसने LLB की डिग्री ले ली हो, वह लॉयर बन जाता है। उसके पास न्यायालय में मुकदमा को लड़ने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन जैसे ही उसको बार काउंसिल ऑफ इंडिया से सनद मिलती है, वह BCI की परीक्षा को पास कर लेता है तो किसी भी कोर्ट में पैरवी के लिए अधिकृत हो जाता है, तब वह एडवोकेट बन जाता है। हर एडवोकेट लॉयर होता है, परन्तु हर लॉयर एडवोकेट नहीं होता।
WHAT IS ADVOCATE
Lawyers and Advocate – एडवोकेट, वह अधिवक्ता कहलाता है जिसे किसी की तरफ से बोलने का अधिकार होता है, वह अधिवक्ता कहलाता है एडवोकेट इंग्लिश में एक शब्द है हिन्दी में अधिवक्ता व अभिभाषण के नाम से जाना जाता है। advocate का तातपर्य है पक्ष लेना। व्यक्ति पहले लॉयर होता है फिर एडवोकेट होता है। एडवोकेट, जिसे एडवोकेट कहा जाता है, एड। यानी जिस आधिकारिक स्पीकर को किसी की ओर से बोलने का अधिकार होता है, वह अधिवक्ता होता है। अधिवक्ता अंग्रेजी में एक क्रिया है जिसका अर्थ है पक्ष लेना। एक अधिवक्ता को न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की ओर से वकालत करने का अधिकार है। सीधे शब्दों में कहें तो वकील दूसरे व्यक्ति की ओर से कोर्ट में दलीलें पेश करता है। वकील बनने के लिए कानून की डिग्री लेना अनिवार्य है। व्यक्ति पहले वकील होता है और फिर अधिवक्ता कहलाता है।
What is Barrister
Lawyers and Advocate – यदि कोई व्यक्ति इंग्लैंड से कानून की डिग्री प्राप्त करता है, तो उसे बैरिस्टर कहा जाता है और उसने इंग्लैंड के मौखिक संविधान को याद किया। एक बैरिस्टर एक प्रकार का वकील होता है जो सामान्य कानून अदालत में अभ्यास करता है, लेकिन एक बैरिस्टर को शिक्षा के रूप में व्याख्या किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति इंग्लैंड विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह बैरिस्टर होगा क्योंकि उसे इंग्लैंड में कानून की डिग्री प्राप्त होती है जो इंग्लैंड के मौखिक संविधान को याद करती है। राज्य के बार काउंसिल में अपना नाम दर्ज कराने के बाद बैरिस्टर को एडवोकेट का दर्जा भी मिल जाता है।
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अधिवक्ता अधिनियम – 1961
Lawyer and Advocate – अधिवक्ता अधिनियम – 1961 के अनुसार वकीलों और न्यायधिशो के लिए ड्रेस कोड में काला कोट सफेद शर्ट काली पैंट व गले मे बैंड अदालत के अन्दर पहनकर कार्य करने को अनिवार्य नियम बनाए गए है। जनता द्वारा वकीलों की ड्रेस कोड को लेकर बहुत प्रकार के कल्पना की जाती है। इस विषय मे विस्तार से Knowledge प्राप्त करते है।
Lawyer and Advocate Problems faced by India before independence
Lawyers and Advocate – इस प्रकार की प्रथा का शुभांरभ इंग्लैंड से हुआ। और First Time काले रंग का कोट व गाउन वकीलों द्वारा इंग्लैंड में ही पहना गया था । सन 1685 में किंग चार्ल्स दि्तीय की म्रत्यु हो गई थी। और परिणाम सवरूप कोर्ट के सभी वकीलों ने राजा की म्रत्यु पर शोक प्रकट करने के लिए काले रंग का गाउन/कोर्ट मे पहनकर आने का आदेश दिया था। इस प्रकार कोर्ट में काले रंग का कोट , गाउन , वाइट शर्ट का प्रांरभ हो गया। और यह Order कभी निरस्त नहीं हुआ।
Lawyers and Advocate – भारतीय सविधान की न्यायपालिका में कई प्रकार Law है। अंग्रेजी शासन व्यवस्था के अंतर्गत शुरू किए गए थे। Indian Lawyer भी इग्लैंड से Law की डिग्री लेकर आए थे इसलिए Indian Lawyer ने इस व्यवस्था को अपनाया और आज भी काले रंग का कोट वकील पहनते हैं। और भी कई प्रकार के Law है हम Follow करते है। काला रंग निष्पक्षता का प्रतीक है। सामान्यतः वक़ील एवं न्यायाधीश किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं करेंगे व जज न्याय के प्रति अचल रहेगा और वक़ील अपने Customer के प्रति Honest रहेगा। वह अपने Customer से किसी भी प्रकार से जाति, धर्म, भाषा, लिंग, क्षेत्र का कोई भेदभाव नहीं करेगा।
गाउन ( Gown )
Lawyers and Advocate – उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों और न्यायाधीशों द्वारा गायन भी पहना जाता है। इस तरह का गाउन इंग्लैंड के दरबार में भी पहना जाता है। इस गाउन की शुरुआत इंग्लैंड में ही हुई थी। इंग्लैंड में, कानूनी पेशा अमीर लोगों द्वारा किया जाता था, और लंबे कपड़े पहनना अमीर लोगों की पहचान थी।
वकालत के कार्य में सेवार्थ रूप से धनवान उच्च शिक्षित लोगों द्वारा की जाती थी। और वह इस प्रकार का गाउन पहना करते थे। गाउन में पीछे दो पॉकेट होते थे व मुवक्किल अपने वकील के गाउन की जेब में श्रद्धानुसार धन डाल दिया करते थे। वकीलों द्वारा मुवक्किल से कोई फीस नहीं मांगी जाती थी। ( Lawyer and advocate )
प्लीडर ( Pleader )
(Lawyer and advocate )- यदि व्यक्ति डिग्री धारक या अधिवक्ता है, निजी पक्ष की ओर से अदालत में आता है, तो वह वकील बन जाता है। नेता वह व्यक्ति होता है जो अदालत में अपने मुवक्किल की ओर से याचिका और याचना करता है। सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 में धारा 2 (7) के तहत एक सरकारी याचिकाकर्ता भी बनता है, जिसे राज्य सरकार द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के अनुसार सभी सरकारी कार्यों के लिए नियुक्त किया जाता है, अर्थात सरकार के निर्देशों के तहत कार्य करने वाला कोई व्यक्ति भी प्लेबीयन | ( Lawyer and Advocate )
महाधिवक्ता (Advocate general)
(Lawyer and advocate )-एक व्यक्ति जिसके पास लॉ (law) की डिग्री है। और उसके पास एडवोकेट होने की पूर्ण क्षमता है। और वह राज्य सरकार की तरफ से उनका पक्ष रखने के लिए कोर्ट में आता है। उसे महाधिवक्ता या Advocate General कहा जाता है। भारत में एक एडवोकेट जनरल एक राज्य सरकार का कानूनी सलाहकार ( Advisor ) होता है। इस पद को भारतीय संविधान द्वारा बनाया गया है। प्रत्येक राज्य का राज्यपाल, महाधिवक्ता, एक ऐसे व्यक्ति का चयन करता है। वह Lawyer जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए योग्य हो।
Lawyers And Advocate ड्रेस कोड का धार्मिक कनेक्शन ?
Lawyers and Advocate – भारत में गुलामी के समय पूर्वजों द्वारा भारतीयों के शासन के लिए एक न्यायपालिका की स्थापना की आवश्यकता थी, और एक समिति का गठन किया गया था। जांच समिति ने खुलासा किया कि भारत के नागरिक (भगवान शनि देव) बहुत ज्यादा डरे हुए हैं। और सिमिती ने (भगवान शनि देव) की कार्यशैली का अध्ययन किया और जाना कि शनि देव का रंग काला है। और बुरे काम करने वालों को सजा दो। और कपड़े भी काले हैं। और वे व्यक्ति के घर में प्रवेश करते हैं और लंबे समय के बाद जाते हैं। इसलिए वकील, जज के कपड़ों को काला रंग दिया गया है. लेकिन अधिवक्ता अधिनियम-1961 के अनुसार ऐसी मान्यता का कोई महत्व नहीं है।
Lawyers के नेकबैंड का रोचक तथ्य
आपने सभी Lawyer and Advocates के गले में नेकबैंड पहने देखा होगा। वह दो भागो में बटी पट्टी होती है। आपकी जानकारी के लिए जाने की Lawyers का नेक बैंड का कनेक्शन ( पवित्र बाइबिल ) से है। दो व्हाइट पट्टियो को टैबलेट्स ऑफ लॉ और टैबलेट्स ऑफ स्टोन का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। बाइबिल में ( 10 भाग ) आते है और इन भागो को आयताकार पट्टिकाओ में ( हजरत मूसा साहब ) ने लिखा था। और ईश्वर के ( 10 आदेशों ) को ही टैबलेट्स ऑफ लॉ कहा जाता है। ( Lawyer and Advocate )
Indian Lawyers ड्रेस कोड Rules
Lawyer and Advocate – Section – 49 रेगुलेशन ऑफ बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के अनुसार सभी Lawyers का ड्रेस कोड नियम बनाए गए है।
बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्याय – 4 और अधिवक्ता अधिनियम के अनुसार सभी Lawyers को हाईकोर्ट , सुप्रीमकोर्ट , और लोअर कोर्ट में ड्रेस कोड का पालन करना होता है।
अधिवक्ता अधिनियम – 1961 के Section – 49 ( 1) के खण्ड ( gg ) में पुरुष वकील छपकन , अचकन , काली शेरवानी , और वाइट नेकबैंड के साथ काला गाउन पहन सकते है। और काली , वाइट , ग्रे पैंट पहनी जा सकती है।
महिला वकील फुल आस्तीन वाली काली जैकिट , वाइट रंग ब्लाउज , वाइट नेकबैंड व गाउन पहन सकती है। पैंट – ब्लैक , वाइट , ग्रे हो सकती है। सलवार कुर्ता काला , वाइट , चुड़ीदार , प्लेन और साथ में काला कोट , और प्लेन ब्लैक , सफ़ेद साड़ी पहन सकती है। ( Lawyer and Advocate )
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