

Parole Kya Hota Hai – जेल में सजा काट रहे एक अपराधी के कुछ सामाजिक व प्राकृतिक दायित्वों या वह कार्य जो उसके योगदान के बिना सफल नहीं हो सकते है। उनको पूरा करने के लिए कुछ नियम / शर्तो के आधार पर कुछ समय के लिए दी गई बंधन मुक्ति ही पैरोल कहलाती है।
पैरोल ( Parole ) से आशय है। की जब कोई भी व्यक्ति अपराध ( Crime ) करता है, और उस व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करती है , और गिरफ़्तार किये गए उस आरोपी व्यक्ति ( Crime ) को पुलिस द्वारा magistrate या court के सामने 24 घंटे के भीतर हाजिर करना होता है , और कोर्ट में उस व्यक्ति के अपराध के तहत न्यायाधीश के द्वारा सजा सुनाई जाती है,और जिसके बाद उस व्यक्ति को जेल में भेज दिया जाता है।
आप इस प्रकार समझ सकते है। और उस दोषी व्यक्ति को 10 साल की जेल की सजा सुनाई है, और ऐसे में उस बंदी व्यक्ति ( Person ) को उसकी सजा की अवधि पूरी न हुयी हो या सजा की अवधि समाप्त ( End ) होने से पहले उस व्यक्ति अस्थाई रूप (temporary) से जेल से रिहा कर देने को ही पैरोल ( Parole ) कहते है। यह पैरोल ( Parole ) बंदी व्यक्ति के अच्छे आचरण (Good Behavior) को ध्यान में रखते हुए दी जाती है।
पैरोल ( Parole ) पाने के लिए बंदी व्यक्ति के वकील (lawyer / Advocate ) द्वारा एक आवेदन (Application ) जमा करना होता है। और पैरोल ( Parole ) गंभीर से गंभीर अपराध ( Crime ) के अपराधियों को मिल सकती है।
1 – Parole – आप यदि किसी आरोपी व्यक्ति का मुकदमा ( Case ) न्यायालय में चल रहा है, और तो ऐसे में उस आरोपी व्यक्ति के पैरोल ( Parole ) के लिए आवेदन; और उसी न्यायालय में दिया जायेगा , और इस आवेदन के आधार पर न्यायालय ( Court ) उस बंदी व्यक्ति को पैरोल ( Parole ) पर रिहा करने का आदेश दे सकती है।
आप यदि आरोपी व्यक्ति पर लगे आरोप प्रत्यारोप सिद्ध हो जाते है, और फिर उस व्यक्ति के न्यायाधीश के आदेश ( Order ) पर जेल की सजा मिल जाती है , और तो उस बंदी व्यक्ति के पैरोल ( Parole ) के लिए आवेदन प्रशासन (Administration ) या फिर जेल अध्यक्ष (Jail Superintendent ) को दी जाएगी , और इस आवेदन के आधार पर उस व्यक्ति को पैरोल ( Parole ) पर रिहा किये जाने का आदेश दिया जा सकता है।
पैरोल कितने प्रकार की हो सकती हैं |
भारत की न्याय प्रणाली में मुख्य रूप से दो प्रकार से की पैरोल का वर्णन किया गया है
-
कस्टडी ( parole )पैरोल
-
रेगुलर ( parole )पैरोल
Read Me –
कस्टडी पैरोल से आप क्या समझते है।
कस्टडी पैरोल से आशय है। की जिसके अंतर्गत दोषी अथवा अपराधी को किसी विशेष कंडीशन में जेल ( Jail ) से बाहर लाया जाता है, और उस समय वह पुलिस ( Police ) कस्टडी में ही रहता है। और पुलिस ( Police ) का सुरक्षा घेरा उसके साथ होता है, और जिससे कि वह फरार या भाग ना हो सकेI
और इस प्रकार की पैरोल अपराधी को तब दी जाती है, जब वह किसी ख़ास रिश्तेदार की या उसके परिवार में मृत्यु हो जाती है, और या फिर उसके परिवार ( Family ) में किसी विशेष व्यक्ति की शादी ( Marriage ) होती है। और उसके परिवार में यदि कोई ज्यादा बीमार होता है,
और या फिर कोई भी ऐसी विशेस परिस्थिति जो कि अपराधी के लिए बहुत अति आवश्यक है, और उस अपराधी या कैदी को पैरोल पर कुछ घंटों के लिए बाहर लाया जाता हैI और वह कस्टडी पैरोल अधिकतम 6 घंटों के लिए होती हैI
और कस्टडी पैरोल के लिए जेल सुपरिंटेंडेंट के पास आवेदन ( Application ) किया जा सकता है, और यदि वह कस्टडी पैरोल को जेल ( Jail ) सुपरिंटेंडेंट के द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है, तो वह कोर्ट के माध्यम से पैरोल के आदेश ( Order ) प्राप्त किये जा सकते हैंI
रेगुलर पैरोल आप क्या समझते है।
रेगुलर पैरोल ( Parole ) की स्थिति में वह अपराधी जिसे सजा सुनाई जा चुकी होती है, और वह रेगुलर पैरोल के लिए आवेदन ( Application ) कर सकता है I और इसके लिए आवश्यक है, कि वह अपराधी कम से कम एक साल की सजा जेल ( Jail ) में काट चुका हो, और वह जेल में उस अपराधी का व्यव्हार अच्छा ( Good ) हो, और पहले यदि वह जमानत ( Bail ) पर रिहा हो चुका है,
और वह उसने रिहा होने पर कोई भी अन्य ( Other ) अपराध ना किया हो I रेगुलर पैरोल एक साल में कम से कम एक महीने ( Month ) के लिए दी जा सकती है I पैरोल कुछ विशेष कंडीशन में दी जा सकती है, और जैसे कि यदि उस अपराधी के परिवार ( Family ) में कोई बीमार हो, और किसी विशेष व्यक्ति का परिवार में विवाह ( Marriage ) हो या फिर किसी परिस्थिति में मकान ( House ) की मरम्मत करानी बहुत जरुरी हो,
और यदि परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु ( Dath ) हो गयी हो, और यदि पत्नी गर्भवती हो और वह डिलीवरी होनी हो और घर में कोई और व्यक्ति ( Person ) देख रेख के लिए ना हो और वह इसके अलावा किसी और प्रकार का ऐसा काम ( Work ) हो जिसे पूरा किया जाना अपराधी के लिए बहुत जरुरी हो।
किन आधारों पर बंदी व्यक्ति को पैरोल मिल सकती है ?
पैरोल मिलने के कुछ ( Rules and Regulations ) के आधार है, और जिनके आधार पर ही न्यायालय या जेल प्रशासन के द्वारा पैरोल ( Parole ) पर रिहा करने आदेश दिया जा सकता है। और एक मुक़दमे के मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने यह भी कहा की ज्यादा लम्बी अवधि सजा वाले दोषी कैदियों को अस्थाई पैरोल (Temporary Parole ) पर रिहा किया जाना चाहिए।
Temporary Parole का अर्थ यह कि जेल में बंद व्यक्ति को कुछ समय के लिए जेल से रिहा किया जाता है, और वह जब यह पैरोल की अवधि समाप्त हो जाती है, तो वह उस व्यक्ति दुबारा पुलिस द्वारा जेल में भेज दिया जाता है।
-
वह पूर्ण और असाध्य अंधापन
-
यदि वह कोई कैदी जेल में गंभीर रूप से बीमार है, और वह जेल से बाहर आने पर ही उसकी सेहत में सुधार संभव हो सकता है
-
यदि वह फेफड़े के गंभीर क्षयरोग से पीड़ित रोगी को भी पैरोल ( Parole ) प्रदान की जाती है, यह रोग कैदी को उसके द्वारा किए अपराध को आगे कर पाने के लिए अक्षम या अपूर्ण बना देता है, और इस रोग से पीड़ित वह कैदी उस तरह का अपराध को दोबारा नहीं कर सकता, और जिसके लिए उसे सजा मिली है
-
और यदि कैदी मानसिक रूप से अस्थिर है, और वह उसे अस्पताल में इलाज की बहुत जरूरत है
पैरोल के किस कंडीशन में आवेदन को अस्वीकार कर दिया जा सकता है?
पैरोल ( Parole ) पर किसी अपराधी को उस कंडीशन में नहीं छोड़ा जा सकता है, जब वह यदि अपराधी का व्यव्हार जेल में संतोषजनक या अच्छा ना हो। और यदि अपराधी पहले कभी पैरोल मिल चुकी हो और उसने कभी पैरोल की शर्तों का पालन ना किया होI और यदि अपराधी ने बलात्कार के बाद हत्या ( Morder ) का अपराध किया हो या फिर देश द्रोह जैसे ( Case ) मामले में उसे सजा हुई हो
या फिर वह किसी अपराधी को किसी प्रकार की आंतकवादी गतिविधि, जैसे अपराध के लिए सजा प्राप्त हुई हो तो वह पैरोल नहीं दी जाती है। और यदि इसके अलावा यदि अन्य ( Other ) किसी किस्म के देश की सुरक्षा से जुड़े हुए किसी मामले ( Case ) में सजा सुनाई गयी है तो वह अपराधी को पैरोल पर नहीं छोड़ा जा सकता है।
पैरोल लेने के लिए कैदियों को किस प्रकार के नीयम फॉलो करने पड़ते है।
- पैरोल ( Parole ) पर रिहा होने वाले हर कैदियों को अच्छे नागरिक की तरह ही जीवन बिताएगा।
- वह कैदी किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करेगा।
- कैदी किसी भी कोठे पर, या फिर वैश्या के पास नहीं जायेगा।
- वह कैदी शराब के किसी भी अड्डे पर नहीं जायेगा।
- कैदी के द्वारा पैरोल की आवेदन ( Application ) पर दिए गए पते (address) पर ही रहेगा, और उस पते को छोड़ कर किसी भी कंडीशन में बाहर नहीं जायेगा।
- वह कैदी कानून ( Kanoon ) का पालन करेगा, और वह कानून का उल्लंघन करने की कोशिश भी नहीं करेगा।
- वह कैदी किसी दूसरे अपराधियों से नहीं मिलेगा।
- वह कैदी जुवा, व सट्टेबाजी जैसा कोई भी गैर कानूनी work नहीं खेलेगा।
- कैदी जब पैरोल ( Parole ) पर रिहा किया जायेगा, तो वह उस व्यक्ति ( Persone ) से नहीं मिलेगा जिसकी शिकायत के आधार पर उसको सजा मिली है, और न ही वह शिकायतकर्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy) रचेगा।
- यदि कैदी को पैरोल पर बाहर किया गया है की वह अपने परिवार ( Family ) का भरण-पोषण कर सके, तो वह अपने रोजगार (job ) को बदलेगा नहीं, और यदि रोजगार बदलना पड़े तो ऐसे में वह इसकी कारण बताओ सूचना जेल अध्यक्ष , या फिर प्रशासन या न्यायालय को देनी होगी।