

Plot Kharidne Se Pehle kya kya Dekhna Chahiye – किसी भी प्रॉपर्टी या Plot खरीदते समय हम ठगी से कैसे बचें। और इसके लिए किन दस्तावेजो की आव्यशकता होती है। और हम कोर्ट – कहचरी के चक्कर से किस प्रकार बचें।
एक किसी भी व्यक्ति को Plot या जमीन खरीदते समय ठगी से बचने के लिए एक टाइटल डीड, व एग्रीमेंट, व NOC और लेआउट प्लान भी देखें और जानिए आपको क्या-क्या सावधानी बरतें, क्योकि इन property के मामलों में ठगी होना एक आम बात हो गई है।
जब हम प्रॉपर्टी या कोई Plot खरीदते समय जरा सी असावधानी कर देते है। तो यह हमें परेशानी में डाल सकती है। और ग्वालियर-चंबल अंचल व उत्तर प्रदेश में तो 30% हत्याओं ( Murder ) की वजह प्रॉपर्टी को ही मानी जाती है। और ऐसे में ( 99 Kanoon ) आपको एक्सपर्ट के जरिए बता रहा है कि आपको किस प्रकार से कुछ दस्तावेज की जांच कर खुद को परेशान ( Truble ) होने से बचा सकते हैं। और कोई मकान, व जमीन या फिर अन्य प्रॉपर्टी खरीदते समय क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए, जानिए वह सबकुछ – – –
हर State के अलग-अलग नियम- Kanoon
आप जहां पर भी संपत्ति या Plot खरीदने जा रहे हैं, और वहां के नियम- Kanoon के बारे में जानकारी ( Information ) जरूर जुटा लें। और व कई राज्यों के कानून अलग होते हैं। तथा हाउसिंग सोसाइटियों के अलग नियम ( Rules ) होते हैं। तथा आपको सोसाइटियों के मकानों में उनके बायलॉज की कॉपी जरूर देखनी चाहिए और उसकी NOC भी लेनी चाहिए।
जिस एजेंसी से सम्बन्धित है उससे अनुमति ली गई है या नहीं
आपको यह भी पता करना चाहिए की फ्री होल्ड या लीज होल्ड यानी जमीन या Plot किसी चैरिटेबल ट्रस्ट, या सरकारी संस्था या फिर एजेंसी के नाम पर है। और ऐसे में बिल्डर को किसी भी निर्माण के लिए ( Rights ) अनुमति लेनी पड़ती है।
और ध्यान रखें कि बिल्डर ने इसके लिए सभी नियम ( Rules ) व शर्तें पूरी की हैं या नहीं। और उसके पास अनुमति पत्र और उस पर लगे सील सिक्के ( Coin ) जरूर देखने चाहिए। और आपको वकील से जांच भी करानी चाहिए। किसी भी प्रकार के लालच से बचना चाहिए।
कोई भी व्यक्ति प्रॉपर्टी या Plot खरीदते समय अपनी मेहनत की एक बड़ी कमाई ( Earning ) उसमें लगा देता है। और ऐसे में जरूरी है कि जो प्रॉपर्टी या जमीन खरीदी जा रही है और उसकी वैधता की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए । म0 प्र0 हाईकोर्ट के एडवोकेट संजय मेहरा जी का कहना है
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कि यदि आप किसी टाउनशिप में प्रॉपर्टी या Plot खरीद रहे हैं और वहां पर सभी बैंक लोन दे रहे हैं तो आप समझ लें कि वहां पर कोई बड़ी रिस्क नहीं है, और क्योंकि बैंक किसी भी टाउनशिप में लोन ( Loan ) तभी देते हैं और जब वहां का टाइटल (स्वामित्व) व सर्च क्लियर होता है। और इसके बावजूद व्यक्ति को अपने लेवल पर कुछ चीजों या दस्तावेजों को वेरिफाई तो करना ही चाहिए। और आज हम बता रहे हैं कोई भी प्रॉपर्टी या जमीन खरीदते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Property खरीदने से पहले NOC देखना जरुरी है।
- सोसाइटी शेयर आपको सर्टिफिकेट देती है। और इससे प्रॉपर्टी ( Property ) बेचने वाले की मेंबरशिप का भी आपको पता चल जाता है। और सर्टिफिकेट नहीं होने पर प्रॉपर्टी ( Property ) खरीदना सही नहीं होगा।
- प्रॉपर्टी खरीदने में NOC लेना काफी अहम होती है। और NOC यह भी बताती है कि प्रॉपर्टी ( Property ) सेलर डिफॉल्टर तो नहीं है। यह वैसा कार्यक्रम होता है। की जब कॉलेज student अपनी marksheet लेने से पहले Nodues Form भरकर जमा करना होता है।
लैंड ( Land ) यूज में बदलाव
कई बार आपको कृषि जमीन का यूज बदलकर उसे गैर कृषि इस्तेमाल या प्रयोग के लिए कर दिया जाता है। और अगर जमीन इस तरह की है, तो तहसीलदार साहब या अन्य संबंधित अधिकारी ( Offecer ) के यहां फीस के साथ आवेदन कर एंडोर्समेंट ऑर्डर ( Order ) हासिल करें।
भूमि ( Land ) रिकॉर्ड की जानकारी
- आप खेती की जमीन हो या फिर कॉमर्शियल प्लॉट ( Plot ) , खरीदने के पहले दस्तावेजों ( Documents ) को जांच लें। और खेती की जमीन ( Land ) के दस्तावेजों की जानकारी ( Information ) राजस्व विभाग से मिल जाएगी। और जमीन के वर्तमान खसरा नंबर से जमीन के पुराने ( Old ) से लेकर आज तक के रिकॉर्ड की फोटोकॉपी तहसील ( Thasil ) ऑफिस और जिला रिकॉर्ड रूम से प्राप्त की जा सकती है। और अब तो ई-कॉपी भी मिल जाती है। और वहीं, कॉमर्शियल प्लॉट ( Plot ) के पेपरों की जानकारी ( Information ) लोकल अथॉरिटी से मिल जाएगी।
और अगर आप अपार्टमेंट या फ्लैट खरीद ( Buy ) रहे हैं, तो आप नगर निगम या पालिका द्वारा दी गई बिल्डिंग परमिशन की मंजूरी की जानकारी ( Information ) होना आवश्यक है। और अप्रूव्ड प्लान सर्टिफिकेट में सही प्रकार के तरीके से बिल्डिंग का निर्माण किया गया है या फिर नहीं, इसकी भी जानकारी होती है।

शहर ( City ) में दस्तावेजों की जांच
- आप शहरी इलाकों में जमीन या Property का रेगुलेशन जोन वार किया जाता है। आप लोकल विकास प्राधिकरण में जाकर उसके जोनल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन ( Apply ) करें। और यह सुनिश्चित करें कि जिस प्रॉपर्टी या Plot को आप खरीदने जा रहे हैं, क्या वह रिहायशी जोन में है।
- और अगर प्रॉपर्टी ( Property ) कॉमर्शियल या इंडस्ट्रियल जोन में है, तो उसमें आप निवेश बिल्कुल न करें वह इसलिए क्योंकि ऐसे इलाकों में रेसिडेंशियल इमारत बनाना अवैध है।
अखबार ( Newspaper ) में सूचना जरूरी दें
आप Plot Kharidne Ki Jankari प्रॉपर्टी खरीदने से पहले अखबार ( Newspaper ) में जाहिर सूचना जरूर देना चाहिए। और अक्सर लोग इसे नजरअंदाज ( Ignore ) कर देते हैं और लेकिन जाहिर सूचना देने से आपका पक्ष मजबूत ( Strong ) होता है। और ऐसे में प्रॉपर्टी को लेकर भविष्य ( Future ) में कभी कोई विवाद होता है
तो आप Court में मजबूती से अपना पक्ष रख सकते हैं। और इसी तरह एग्रीमेंट ( Agreement ) का रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी है। और आज कल यह रजिस्ट्री के साथ ही ( Important ) कर दिया जाता है। और बहुत से लोग एग्रीमेंट ( Agreement ) नहीं करवाते। और ऐसा न करने पर कानूनी ( Kanooni ) तौर पर आप कमजोर हो जाते हैं।
पुलिस ( Police ) को विवेचना में लगता है समय
आप अगर प्रॉपर्टी के विवाद में एफआईआर ( FIR ) करने में जांच में पुलिस ( Police ) का काफी समय व्यर्थ होता है। वह इसलिए क्योकि अलग-अलग विभागों से दस्तावेज निकालकर जांच करनी पड़ती है। और ज्यादातर अपराध ( Crime ) की जड़ प्रॉपर्टी होती है। और लोग प्रॉपर्टी ( Plot ) खरीदते समय कुछ सावधानियां बरतें, तो आपको एफआईआर ( FIR ) तक की नौबत नहीं आएगी।